Wednesday, January 25, 2012

यह हसीं पल....

तेरी यादों की डोरी से
बंधे कुछ पल हैं,
सपनों की तरह  सजे,
यह  हसीं पल हैं!
 न यह डोरी टूटें
न यह सपने टूटें
तेरे प्यार से सजे
यह हसीं पल हैं.

न इस रात की सुबह हो,
न इस इश्क का कोई वैरी हो
मेरी धरकन  में बसे
यह हसीं पल हैं.

तेरी धरकन से बंधीं मेरी सांसें हैं,
मेरी सांसों में बसी तेरी खुश्बू है,
तेरी खुशबू  से महके,
यह हसीं पल हैं.
 न यह तेज़ धरकनों से डरें,
न यह गरम साँसों से जलें,
तेरे-मेरे प्यार के सपने,
यह हसीं पल हैं.

न ज़माने का  हो दस्तूर,
न इश्क को कोई करे मजबूर,
मेरे इरादों में बसे
यह हसीं पल हैं.


 तेरे दर्द में छुपे मेरे आंसू हैं,
मेरे आसुंओं में छुपा तेरा दर्द,
इस दर्द से तपे
यह हसीं पल हैं.
न यह दर्द कम हो,
न आसुओं का सैलाब रुके ,
तेरे-मेरे दर्द में बहे
यह हसीं पल.

न दर्द की दवा हो,
न आंसुओं पर बाँध,
तेरी-मेरी मुस्कराहट में छिपे,
यह हसीं पल.




 
 


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