Friday, March 9, 2012

जाने क्यूँ तेरे बिन ज़िन्दगी भी अधूरी सी है!


आँखों में नमी सी है,
दिल में खुमारी सी है,
तेरी एक झलक की तलब ही है,
जाने क्यूँ तेरे बिन ज़िन्दगी भी अधूरी सी  है!

दरवाज़े पे आहट सी है,
दिल में उम्मीद भी है,
नज़रों को तेरा इंतज़ार भी है,
जाने क्यूँ तेरे बिन ज़िन्दगी भी अधूरी सी  है!

इस राह पर तेरे क़दमों के निशाँ भी है,
साँसों में तेरी सांसों की महक भी है,
हर सांस में तेरा नाम ही है,
जाने क्यूँ तेरे बिन ज़िन्दगी भी अधूरी सी  है!

हर रंग में तेरे प्यार का रंग ही है,
फूलों पे जो बरस रहा वोह तेरा प्यार ही है,
तेरे प्यार की बूंदों से भीग रहा  मेरा मन भी  है,
जाने क्यूँ तेरे बिन ज़िन्दगी भी अधूरी सी  है!


हर दिन जो तेरे बिन गुज़र रहा वोह अधूरा ही है,
हर पल जो जिया  तेरे बिन बेजान सा ही  है,
मंजिल पे पहुँचने की ख़ुशी बेम्मानी सी है,
जाने क्यूँ तेरे बिन ज़िन्दगी भी अधूरी सी  है!

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