Wednesday, December 28, 2011

तेरे दीदार पा कर सारा आलम ही भूल आये हैं हम.

मोहब्बत अधूरी रह जाएगी,
हसरत भी अधूरी जाएगी,
क्या करेंगे जी कर,
तुम बिन यह ज़िन्दगी भी अधूरी रह जाएगी.

बहुत याद किया है,
बहुत प्यार किया है ,

क्या करें तेरी हसरत ने,
बहुत दिल को बेचैन किया है.

तुझे मिलने की हसरत है,
प्यार में कुछ कहने की तमन्ना है,
बस पास बैठो तुम,
प्यार भरी नज़र की चाहत है.

कुछ कह न पाए हम,
मिल कर इकरार कर न पाए हम,
तेरे दीदार पा कर
सारा आलम ही भूल आये  हैं  हम.











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