Friday, September 3, 2010

इकरार

बहकते कदमो को राह मिल जाए,
भटकती निगाहों को तेरा दीदार मिल जाए,
अगली घडी ज़िन्दगी मिले न मिले,
पर तेरी मोहब्बत का इकरार मिल जाये !
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सब कहते हैं हमपे एक नूर है,
हमरी निगाहों में एक चमक है,
हम कहतें हैं, हम कहाँ हैं ?
यह तो सिर्फ तेरी मोहब्बत का इकरार है !
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आपके इकरार से,
प्यार के इज़हार से,
दुनिया हमारी बदल गयी,
क्या कहें,
जिंदा हैं पर जन्नत  हमने  पा ली !

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