Sunday, July 7, 2013

बहुत कुछ बदल गया है………. यह घर, यह रेत , मैं और तुम.

बहुत कुछ बदल गया है……….
यह घर, यह रेत , मैं और तुम.

एक तूफ़ान था आया,
तेज़ हवा के झोंके लाया,
छत उढ़ी,
दीवारें टूटी,
दरवाज़े पे लटकी तोरेन टूटी ...
कपढ़े बिखरे,
बर्तन बिखरे,
शादी का वोह लाल जोढ़ा भी बिखरा ...
खिढकी टूटी,
चौखट टूटी,
तेरी राह देखती मेरी नज़र भी टूटी ...



एक तूफ़ान था आया,
तेज़ हवा के झोंके लाया,
ऊँट बहके,
मुसाफिर बहके,
रेत पे चलते हर कदम बहके   ...
रंग बदला,
रूप बदला,
हर कण से चमकती रौशनी भी बदली ...
छाया बदली,
राह बदली,
तेरे तक पहुंचती हर चाल  भी बदली ...


एक तूफ़ान था आया,
तेज़ हवा के झोंके लाया,
बाल बिखरे,
कपढ़े  बिखरे,
नैनों  का काजल भी बिखरा ....
दिल भी रोया,
आँख भी रोई ,
तेरी याद में सिमटी हर स्मृति रोई ...
सरगम  टूटी,
ताल टूटी,
जीवन के नाच में तेरी मेरी जोड़ी भी टूटी  ...



एक तूफ़ान था आया,
तेज़ हवा के झोंके लाया,
नाम बदला,
घर बदला,
तेरा हर अंदाज़ बदला ...
नज़र छूटी ,
बात छूटी ,
तेरे घर से मेरी घर की राह भी छूटी ...
शबाब को लूटा,
शराब  में डूबा,
ज़िन्दगी का तेरा नशा ही टूटा।

बहुत कुछ डूब  गया है……….
शराब के सैलाब में ..
यह घर, यह रेत , मैं और तुम.