सरहद से आई आवाज़,
छाती में उठा फिर जोश,
सर पे कफ़न बांधे है तयार
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
नज़रों से दिखा न कुछ,
पर दिल ने सजाया मंज़र
कुर्बानी का जज्बा जिसके सीने में भरा
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
गोलियों की बौछार को
फूलों सा उठाता वो
कलियों की तरह महके
हर एक एक सैनिक भाई मेरा .
हर अंग पे ज़ख्म उठाता
दुश्मन के हौसला पस्त करता
सीने पर गोली खाता
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
भूला अपनों की मुस्कान
न आया याद किसी का दुलार,
दिल में बसा सिर्फ भारत माता का प्यार
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
आसमान का वोह एक तारा
सूरज से कम नहीं
रोशन रहे, चमके सदा
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
ना भूलें उसकी कुर्बानी
ऋण रहे उसका याद सदा
भगवान् का रूप
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
छाती में उठा फिर जोश,
सर पे कफ़न बांधे है तयार
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
नज़रों से दिखा न कुछ,
पर दिल ने सजाया मंज़र
कुर्बानी का जज्बा जिसके सीने में भरा
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
गोलियों की बौछार को
फूलों सा उठाता वो
कलियों की तरह महके
हर एक एक सैनिक भाई मेरा .
हर अंग पे ज़ख्म उठाता
दुश्मन के हौसला पस्त करता
सीने पर गोली खाता
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
भूला अपनों की मुस्कान
न आया याद किसी का दुलार,
दिल में बसा सिर्फ भारत माता का प्यार
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
आसमान का वोह एक तारा
सूरज से कम नहीं
रोशन रहे, चमके सदा
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.
ना भूलें उसकी कुर्बानी
ऋण रहे उसका याद सदा
भगवान् का रूप
हर एक एक सैनिक भाई मेरा.